BEd 2025 Latest Update : शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए एक बड़ा बदलाव सामने आया है। अब कुछ शिक्षक पदों पर B.Ed डिग्री अनिवार्य नहीं रही। उत्तर प्रदेश सरकार की नई नियमावली के तहत कंप्यूटर विषय के लिए यह बदलाव लागू किया गया है। इससे कई उम्मीदवारों को राहत तो मिली है, लेकिन दूसरी ओर B.Tech और IT डिग्री धारकों को पात्रता से बाहर कर दिए जाने के कारण बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
अब बिना B.Ed डिग्री भी शिक्षक बनना संभव
अब तक सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए B.Ed डिग्री ज़रूरी होती थी। लेकिन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा जारी हालिया विज्ञापन में कंप्यूटर विषय के 1056 पदों के लिए B.Ed की अनिवार्यता को हटा दिया गया है। यानी ऐसे उम्मीदवार जिनके पास B.Ed नहीं है, वे भी इन पदों पर आवेदन कर सकते हैं।
क्यों खड़ा हुआ विवाद?
इस फैसले के साथ ही सरकार ने B.Tech और IT डिग्री होल्डर्स को पात्रता सूची से बाहर कर दिया है। इससे उन हजारों तकनीकी उम्मीदवारों में नाराजगी है जो लंबे समय से कंप्यूटर शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे थे। उनका कहना है कि कंप्यूटर एक तकनीकी विषय है और B.Tech व IT डिग्री रखने वाले ज्यादा योग्य हैं।
उम्मीदवारों ने पहुंचाया मामला हाईकोर्ट
इस मुद्दे को लेकर अब मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की है कि अगर B.Ed हटाई जा सकती है, तो B.Tech और IT डिग्री को भी मान्यता दी जानी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि तकनीकी शिक्षा रखने वाले उम्मीदवार इस विषय को बेहतर तरीके से पढ़ा सकते हैं, इसलिए उन्हें बाहर करना अनुचित और भेदभावपूर्ण है।
क्या कहती है सरकार की नई नियमावली?
माध्यमिक शिक्षा विभाग की नई नियमावली में साफ किया गया है कि कंप्यूटर विषय के शिक्षकों के लिए B.Ed अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसके साथ ही तकनीकी ग्रेजुएट्स को पात्रता से बाहर कर दिया गया। इससे न केवल अभ्यर्थियों का विरोध बढ़ा है, बल्कि सवाल भी उठे हैं कि तकनीकी विषय के लिए तकनीकी डिग्री क्यों नहीं मान्य है?
शिक्षा व्यवस्था पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि कंप्यूटर जैसे विषय में तकनीकी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार ही बेहतर योगदान दे सकते हैं। उन्हें बाहर करने से शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। ऐसे में कोर्ट का फैसला आने वाले समय में पूरी भर्ती प्रक्रिया की दिशा तय करेगा।
क्या है आगे का रास्ता?
अब सबकी निगाहें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। अगर कोर्ट B.Tech और IT डिग्री धारकों को पात्रता में शामिल करता है, तो भर्ती प्रक्रिया में और उम्मीदवार जुड़ सकेंगे। वहीं यदि कोर्ट ने सरकार के नियमों को सही माना, तो बड़ी संख्या में तकनीकी उम्मीदवारों को बाहर रहना पड़ेगा।
B.Ed को हटाना एक बड़ा बदलाव है, जिससे कुछ उम्मीदवारों को फायदा जरूर हुआ है। लेकिन तकनीकी डिग्री वालों को बाहर करना न्यायसंगत नहीं माना जा रहा। हाईकोर्ट का फैसला न सिर्फ उम्मीदवारों का भविष्य तय करेगा, बल्कि यह पूरे शिक्षा तंत्र की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर भी असर डालेगा।